वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१ जून २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />आग जो लगी समुंदर में, धुंआ न परगट होए |<br />सो जाने जो जरमुआ, जाकी लगी होए ||<br /><br />प्रसंग:<br />कैसे बताएँ हमें हुआ क्या है?<br />"आग जो लगी समुंदर में, धुंआ न परगट होए" यहाँ आग कहने से क्या आशय है?<br />विरह की आग कब लगती हैं?